हाफ गर्लफ्रेंड
ज्यादा पसंद है, उसने कहा। वह वाकई इंट्रेस्टेड लग रही थी। मैंने उसे अपनी जिंदगी के बारे में बताया। मेरी माँ, उनका स्कूल और बास्केटबॉल बताने के लिए ज्यादा कुछ था नहीं। मेरे पिता को गुजरे दस साल हो चुके थे। वे हमारे लिए विरासत में एक बड़ी-सी खस्ताहाल हवेली कुछ जमीनें और प्रॉपटीज से जुड़े कई लीगल केसेस छोड़ गए थे।
मेरे पुरखे जमींदार थे और सिमराँव के शाही खानदान के सदस्य थे। सिमरोव ब्रिटिश काल के भारत की सबसे पुरानी रियासत थी। जब देश आजाद हुआ तो सरकार ने हमारी रियासत से ली और हमारे हिस्से केवल एक सालाना पेंशन आई। वह भी पीढ़ी-दर-पीढ़ी कम होती गई। मेरे परदादा काकाओं ने पूरा पैसा उड़ा दिया, क्योंकि उन्हें लगता था कि जुए के दाँव लगाने में पूरी दुनिया में उनसे अव्वल कोई नहीं है। आखिरकार घर की औरतों को कामकाज की कमान अपने हाथों में लेनी पड़ी। मेरे तमाम कजिन्स विदेश जा चुके थे और उन्होंने कभी देश नहीं लौटकर आने की कसम खा ली थी। इकलौते मेरे पिता ही बिहार में रुके रहे थे और वे ही सिमरांव के आखिरी राजा साहिब सावित हुए दस साल पहले दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई। मेरी माँ रानी साहिबा दुर्गा सा घर में मजबूत इरादों वाली इकलौती शख्स थीं। उन्होंने मुझे पाल-पोसकर बड़ा किया और खेती-बाड़ी का काम भी देखा। उन्होंने सिमराब रॉयल स्कूल भी खोला, जिसमें आसपास के गाँवों के कोई सात सौ बच्चे पढ़ते हैं।
एयर बबल्स की आवाज से मेरा ध्यान भटका। रिया अपना लेमनेड लगभग खत्म कर चुकी थी। मैंने रियलाइज किया कि मैं पिछले दस मिनट से नॉन-स्टॉप बोले जा रहा था। 'मैं तुम्हें बोर कर रहा हूँ ना मैंने कहा। मैंने तय कर लिया था कि अब मैं कुछ मिनटों तक चुप्पी साधे रहूंगा।
अब साइलेंट रिया के बोलने की बारी होनी चाहिए। "बिलकुल नहीं।'
मैं मुस्करा दिया। अब तुम बोलो। अगर तुमने मुझे इसी तरह बोलते रहने दिया, तो मैं तो कभी चुप ही नहीं होऊँगा।" "ओके बट वेट टेक्रीकली, तुम एक प्रिंस हो, है ना? या शायद, तुम किंग हो। राजा साहिब""
मैं हंस पड़ा। 'अब कोई राजा या राजकुमार नहीं बचे हैं। अब तो केवल अनपढ़ देहाती ही उनके बारे में बात करते हैं।" "लेकिन वे बातें तो करते हैं ना? सीरियसली. तो क्या मैं एक प्रिंस से बात कर रही है? क्या वो लोग तुम्हें राजकुमार कहकर पुकारते हैं।" उसकी आँखें फैल गई थीं। उसकी अवार्ड विनिंग आईब्रोज भी कुछ-कुछ ऊपर-नीचे हो
रही थीं। "कभी-कभी वो लोग कहते हैं, लेकिन अब इसकी कोई अहमियत नहीं है। हम अब अमीर नहीं हैं।" "तुम एक महल में रहते हो?"
"हवेली। हाँ, उसे एक छोटा-मोटा महल ही समझो। खैर में कोई प्रिंस-प्रिंस नहीं हूँ। मैं एक मामूली बिहारी
लड़का हूँ, जो ग्रेजुएशन करने की कोशिश कर रहा है। क्या मैं तुम्हें किसी भी एंगल से प्रिंस लगता हूँ "कमऑन, तुम टॉल और हैंडसम हो। यदि तुमने कुछ ज्वेलरी वगैरह पहनी होती तो तुम बिलकुल किसी प्रिंस जैसे लगते ' उसने कहा। हालांकि उसने यह बात मजाक में कही थी, लेकिन फिर भी यह उसकी तरफ से मेरे लिए
पहला कम्प्लिमेंट था। मेरे भीतर खुशी के छोटे-छोटे लड्डू फूटने लगे।
"क्या मेरे जैसी एक मामूली सी लड़की ने अभी-अभी सिमरांव के राजा साहिब के साथ वास्केटबॉल खेला है
उसने कहा और जोरों से हंस पड़ी।
'मुझे तुम्हें यह सब नहीं बताना चाहिए था. मैंने सिर हिलाते हुए कहा। कम ऑन उसने कहा और मेरी कलाइयों को थपथपाया। मेरी बाँह पर जैसे गरमाहट की एक लहर दौड़ गई।
'और तुम्हारे बारे में क्या? ऐसी कौन-सी अठारह साल की लड़की होगी, जो बीएमडब्ल्यू में कॉलेज आती है
और फिर भी खुद को एक मामूली लड़की बताती है?" "ओह, तुमने देख लिया। वह मेरे डैड की कार है।
"तुम तो बहुत रिच होंगी।' 'मेरी फैमिली है। मैं नहीं।"
इसी दौरान तीन लड़कियाँ हमारी टेबल पर आई 'हमने तुम्हें कहाँ-कहाँ नहीं खोजा, उनमें से एक ने कहा।
'हे, गर्ल्स, रिया ने कहा 'आओ हमारे साथ बैठो। माधव, इनसे मिलो। ये हैं गरिमा, आयशा और रचिता । मेरी